Movie Nurture : Sushila

Sushila : ब्लैक एन्ड व्हाइट 1978 की एक मराठी फिल्म

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सुशीला एक ब्लैक एन्ड व्हाइट मराठी फिल्म , जो  1 जनवरी 1978 को मराठी सिनेमा में रिलीज़ हुयी थी। इसका निर्देशन अनंत माने ने किया था। यह फिल्म मराठी सुपरस्टार रंजना देशमुख की कई सुपरहिट फिल्मों में से एक थी। यह फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जिसको समाज की हर कुरीतियों का सामना करना पड़ता है। और वह समाज के द्वारा उत्पन्न की गयी हर चुनौतियों का डटकर सामना करती है।

Movie Nurture: Sushila

Story Line – 

फलम की कहानी शुरू होती है एक छोटे से गांव में रह रही एक पढ़ी लिखी शिक्षिका सुशीला से। जो अपने अच्छे व्यव्हार के कारण जेल से जल्दी छूट जाती है। जब वह चलती है तो सोचती है अपनी जेल से पहले की जिंदगी के बारे में। और फिल्म फ्लश बैक में चली जाती है , जहाँ पर सुशीला एक गांव में एक स्कूल की टीचर है । वह व्यव्हार से सख्त होने के साथ – साथ बेहद खूबसूरत भी है। गांव के सभी युवा सुशीला को गलत नज़रों से देखा करते थे।

इन्ही में से एक शेखर नाम का लड़का सुशीला के पीछे पड़ जाता है। सुशीला पहले तो उसको बहुत ही समझदारी से समझती है मगर वह नहीं मानता तो एक दिन वह परेशां होकर शेखर को अपमानित करती है। यह अपमान शेखर को सुशीला के साथ गलत करने की और प्रेरित करता है और एक दिन वह सुशीला का बलात्कार कर देता है। और सुशीला को वेश्यावृत्ति की तरफ ले जाता है।

जहाँ से उसकी रक्षा राजा नाम का एक व्यक्ति करता है और वह उसको अपने साथ घर ले कर आता है। राजा का कोई परिवार नहीं होता है और वह सुशीला में अपनी बहन और अपने परिवार को देखता है। वहीँ पर दुखी और बेबस सुशीला को राजा के रूप में एक भाई का सहारा मिलता है। दोनों भाई नहं एक दूसरे के सहारे अपने जीवन को आगे बढ़ाना शुरू करते हैं।

Movie Nurture: Sushila

मगर राजा शेखर को बर्बाद करने की आग अपने मन में लेकर उसकी तलाश हर जगह करता है। राजा सोचता है कि वह भी शेखर की पत्नी का बलात्कार करके शेखर को वही दर्द देगा जो उसने सुशीला को दिया था। मगर राजा को शेखर के बारे में कुछ भी नहीं पता चलता। यह बात जब सुशीला को पता चलती है तो वह राजा को सब कुछ भूल जाने को कहती है।

कुछ समय बाद सुशीला को पता चलता है कि वह शेखर के बच्चे कि माँ बनने वाली है। यह जानकर राजा को बहुत ही गुस्सा आता है और वह घर से बाहर निकल जाता है। जब सुशीला को पता चलता है कि पुलिस राजा के पीछे पढ़ी है तो वह राजा के जीवन को बचाते समय अपना बच्चा खो देती है। राजा को अपनी गलती का अहसास हो जाता है और वह वडा करता है कि वह अब ऐसा कुछ भी नहीं करेगा।

एक साल बाद शेखर का विवाह शालिजा से होता है और वह सिनेमा देखने सिनेमा हॉल आते हैं जहाँ पर वह सुशीला को टिकट बेचते हुए देखता है और वह सड़क के पास में बनी एक झोपड़ी को भी देखता है जहाँ सुशीला अपने भाई राजा के साथ रहती है। यह सब देखकर शेखर को बहुत पछतावा होता है कि यह एक पढ़ी लिखी शिक्षिका का जीवन उसने ख़राब कर दिया है। शेखर सुशीला कि मदद करने कि कोशिश भी करता है मगर सुशीला और राजा उसके हर प्रयास को विफल कर देते हैं। क्योकि जो दर्द शेखर ने सुशीला को दिया है उसकी कोई भी दवा नहीं है।

Movie Nurture: Sushila

Songs & Cast – 

फिल्म में संगीत राम कदम ने दिया था और इसके सुरीले गीतों को जगदीश खेबुडकर ने लिखा है। 5 गीतों वाली इस फिल्म में आवाज़ है उषा मंगेशकर , सुदेश वाडेकर और उत्तरा केलकर की और इसके गीत – “जीवन इसका नाम है ” , “सत्यम शिवम सुंदरम”, “कुण्य गावचा आला पाखरू”, “आली रे आली पंचिम आली “, और ” मी काशी दिसाते “।

फिल्म में अशोक सराफ ने राजा की भूमिका निभाई है तो रंजना ने सुशीला की। बाकि के कलाकारों में अविनाश मुसुरेकर,उषा नाइक,सुहास भालेकर और गोविंद कुलकर्णी सभी ने अपनी उम्दा अदाकारी से इस फिल्म को सुपरहिट बनायीं।

Movie Nurture: Sushila

Review – 

सुशीला एक सुपरहिट ब्लैक एन्ड व्हाइट मराठी फिल्म जिसको अनंत माने ने निर्देशित किया था और यह फिल्म 1978 में सिनेमा घरों में आयी। उसके बाद इस फिल्म ने समाज की उस ख़राब सोच को दर्शाया जो अक्सक हर इंसान में होती है। इसने यह बताया कि हमारी एक गलत सोच और हमारा किया गया एक गलत काम किसी के जीवन को इतना बर्बाद कर सकता है कि उसका विश्वास जिंदगी और मानवता से ही उठ जाये।

अनंत माने ने अपनी 1 घंटे और 45 मिनट्स की इस फिल्म में यही दर्शाने की कोशिश की है कि आपकी एक गलत सोच और एक गलत कदम किसी और को बर्बादी कि राह पर ले जा सकता है। इस संसार में हर इंसान को स्वतंत्रता से जीने का अधिकार है और यह अधिकार कोई नहीं छीन सकता।

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