• About
  • Advertise
  • Careers
  • Contact
Friday, July 18, 2025
  • Login
No Result
View All Result
NEWSLETTER
Movie Nurture
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
  • Bollywood
  • Hollywood
  • Indian Cinema
    • Kannada
    • Telugu
    • Tamil
    • Malayalam
    • Bengali
    • Gujarati
  • Kids Zone
  • International Films
    • Korean
  • Super Star
  • Decade
    • 1920
    • 1930
    • 1940
    • 1950
    • 1960
    • 1970
  • Behind the Scenes
  • Genre
    • Action
    • Comedy
    • Drama
    • Epic
    • Horror
    • Inspirational
    • Romentic
No Result
View All Result
Movie Nurture
No Result
View All Result
Home Bollywood

Zabak زبک : तेरी दुनिया से दूर चले होकर मजबूर

by Sonaley Jain
December 8, 2021
in Bollywood, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
0
Movienurture: Zabak
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

ज़बक زبک एक हिंदी/उर्दू एक्शन ड्रामा फ़िल्म है, जो भारतीय सिनेमा में 1 जनवरी 1961 को रैली हुयी थी। और इस फिल्म का निर्माण और निर्देशन होमी वाडिया ने अपने वाडिया प्रोडक्शंस के बैनर तले किया था।

सी एल कैविश द्वारा लिखित कहानी के जरिये निर्देशक ने समाज की बहुत पुरानी गरीब और अमीरी की दशा को दिखाने का प्रयास किया है , कि किस तरह से एक गरीब लड़का एक अमीर राजकुमार के प्रेम में पड़कर अपने खुशहाल परिवार को खो देता है।

इस फिल्म की सफलता के बाद इसको तमिल भाषा में अरबु नट्टू अज़गी नाम से बनाया गया और दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी इस फिल्म में सफल फिल्मों में अपना नाम दर्ज़ करवाया।

MovieNurture: Zabak

Story Line

कहानी शुरू होती है एक छोटे से नगर इस्बहान में रहने वाले हाज़ी नाम के एक लापरवाह चरवाहे से, जो राजकुमारी ज़ैनब से प्यार करने के अलावा कोई और काम नहीं करता था। हाज़ी के पिता राज्य के हमाम की निगरानी करने के साथ – साथ उसमे काम भी करते थे। मध्यवर्गीय होने के साथ उन्हें अपने बेटे की हमेशा चिंता रहती थी, क्योकि राजकुमारी और हाज़ी का प्रेम उस सामाजिक असमानता का प्रतीक होता है, जिसका कोई भविष्य नहीं है।

गरीब और अमीर का साथ में आना, किसी को भी स्वीकार नहीं होता है। जब यह बार बादशाह और उसके परिवार को पता चलती है तो, उसके आदेश पर मुख्य मंत्री कासिम हाज़ी और उसके पिता को बंदी बना लेता है। सज़ा के रूप में सभी के सामने पिता के बाल मुंडवा दिए जाते हैं और हाजी को 100 कोड़े मारे जाते हैं।

हाज़ी के पिता इस बदनामी से इतने दुखी होते है कि वह आत्महत्या कर लेते हैं। इसके बाद बादशाह हाज़ी को सैनिकों द्वारा राज्य से निकलवा देता है। जंगलों में भटकता हुआ हाज़ी एक दिन प्रसिद्ध सौदागर उस्मान शाह की बेटी का अपहरण होने से बचाता है।

MovieNurture: Zabak

सौदागर उस्मान शाह भटकते हुए हाज़ी की कहानी जानकर उसको अपने काफिले में शामिल कर लेता है। कुछ दिनों बाद हाज़ी को पता चलता है कि उस्मान को सौदागर नहीं है बल्कि सौदागर के भेष में एक डाकू है। इसके बाद हाज़ी उसके डाकुओं के काफिले में मिल जाता है एक नए नाम ज़बाक के साथ।

नए जीवन और नए नाम के साथ जबाक अब लूटपाट औरचोरी करता था अपने साथियों के साथ। एक दिन उसको पता चलता है कि उस्मान उसके नगर में हमला करने की सोच रहा है और उसको अपने दोस्तों से पता चलता है कि कासिम जबरदस्ती उसकी राजकुमारी से निकाह करने वाला है। उसके बाद वह उस्मान से उसके साथ चलने का आग्रह करता है , जिसको उस्मान मान लेता है।

उस्मान अपनी पूरी सेना के साथ इस्बहान नगर पर हमला बोल देता है। जबाक सब कुछ छोड़कर सिर्फ कासिम से बदला लेने के पीछे पड़ जाता है। जहाँ डाकुओं के हमले की खबर में कासिम अपने बादशाह की हत्या कर देता है और राजकुमारी और उसकी माँ को बताता है कि यह सब कुछ ज़बाक ने किया है।

ज़बाक और कासिम में युद्ध होता है और जल्द ही कासिम की मृत्यु हो जाती है। ज़बाक राजकुमारी के पास जाता है और उसको अपनी पूरी कहानी सुनाता है हाज़ी से ज़बाक बनने की। ज़ैनब और उसकी माँ हाजी को माफ़ कर देते हैं और ज़ैनब का विवाह हाज़ी से हो जाता है और वह अपने राज्य का राजा बनकर उसकी सेवा करने लगता है।

MovieNurture: Zabak

Songs & Cast

इस फिल्म में संगीत चित्रगुप्त श्रीवास्तव ने दिया है और गीतों के बोल लिखे हैं प्रेम धवन ने – “तुझको मैं जान गई”, “तेरी दुनिया से दूर चले होकर मजबूर” , “शमा जले अरमानों की”, “मुझे मुबारक पुरानी यादें”, “तेरी तकदीर का सितारा”, “महलों ने छिन लिया बचपन का प्यार मेरा”, “जाने कैसा छाने लगा नशा” . इसके सभी गाने पसंद किये गए मगर “तेरी दुनिया से दूर चले होकर मजबूर” लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया ये गण उस समय में जनता द्वारा बेहद पसंद किया गया। बाकी के गायकों में गीता दत्त, बलबीर, महेंद्र कपूर और मुकेश।

फिल्म में क्लासिक सिनेमा के सुपरस्टार महिपाल ने मुख्य किरदार हाज़ी और ज़बाक का अभिनय किया है और उनके साथ राजकुमारी ज़ैनब के किरदार में अभिनेत्री श्यामा दिखी हैं। बाकी के कलाकारों में मनहर देसाई, बी. एम. व्यास, उमा दत्त, अचला सचदेव , साहिरा,कृष्णा कुमारी, बाबू राजे और सरदार मंसूर ने भी इस फिल्म में वो अभिनय किया है जिसकी प्रशंसा आज भी की जाती है।

MovieNurture: Zabak

Interesting Facts

ज़बाक एक एक्शन हिंदी ड्रामा फिल्म थी जो पूरी दुनिया में 4 भाषाओँ में रिलीज़ हुयी हिंदी , उर्दू, पारसी और तुर्किश।
जहाँ यह फिल्म भारत में 1 जनवरी 1962 को रिलीज़ हुयी वही पर यह ईरान में 15 मई 1962 में रिलीज़ हुयी।

Tags: 1960s moviesBollywoodClassic BollywoodmahipalMovie Review
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

Next Post
MovieNurture: Tabu: A Story of the South Seas

Tabu: A Story of the South Seas : एफ.डब्ल्यू. मर्नौ की आखिरी साइलेंट फिल्म

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

Movie Nurture: Viswa Mohini

“विश्व मोहिनी” (1940): भारतीय सिनेमा की दुनिया की एक झलक

2 years ago
Movie Nurture:सिनेमा के स्वर्ण युग की 10 क्लासिक फ़िल्में जिन्होंने हॉलीवुड को आकार दिया

सिनेमा के स्वर्ण युग की 10 क्लासिक फ़िल्में जिन्होंने हॉलीवुड को आकार दिया

6 months ago

Popular News

  • Movie Nurture: क्लासिक स्टार्स की आखिरी फिल्में: वो अंतिम चित्र जहाँ रुक गया समय

    क्लासिक स्टार्स की आखिरी फिल्में: वो अंतिम चित्र जहाँ रुक गया समय

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • इन गानों को ना भूल पाये हम – ना भूल पायेगी Bollywood!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Late Spring: ओज़ू की वो फिल्म जो दिल के किसी कोने में घर कर जाती है

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • जब तक फिल्म चुप थी, लोग दूर थे…जब बोली, सबके दिल से जुड़ गई!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Badavara Bandhu : क्लासिक मूवी कलेक्शन का एक अनोखा मोती

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिलीप कुमार: वो पांच फ़िल्में जहाँ उनकी आँखों ने कहानियाँ लिखीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • Bride of Frankenstein (1935): सिर्फ एक मॉन्स्टर मूवी नहीं, एक मास्टरपीस है ये फिल्म!

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Connect with us

Newsletter

दुनिया की सबसे अनमोल फ़िल्में और उनके पीछे की कहानियाँ – सीधे आपके Inbox में!

हमारे न्यूज़लेटर से जुड़िए और पाइए क्लासिक सिनेमा, अनसुने किस्से, और फ़िल्म इतिहास की खास जानकारियाँ, हर दिन।


SUBSCRIBE

Category

    About Us

    Movie Nurture एक ऐसा ब्लॉग है जहाँ आपको क्लासिक फिल्मों की अनसुनी कहानियाँ, सिनेमा इतिहास, महान कलाकारों की जीवनी और फिल्म समीक्षा हिंदी में पढ़ने को मिलती है।

    • About
    • Advertise
    • Careers
    • Contact

    © 2020 Movie Nurture

    No Result
    View All Result
    • Home

    © 2020 Movie Nurture

    Welcome Back!

    Login to your account below

    Forgotten Password?

    Retrieve your password

    Please enter your username or email address to reset your password.

    Log In
    Copyright @2020 | Movie Nurture.