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Home 1930

गुनसुंदरी (1934): गुजराती सिनेमा की विरासत को पुनर्जीवित करना

by Sonaley Jain
June 6, 2023
in 1930, Films, Gujarati, Hindi, Movie Review, old Films, Top Stories
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Movie Review : "ગુણસુંદરી
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गुनसुंदरी चंदूलाल शाह द्वारा निर्देशित और गोहर, राजा सैंडो, जमना और बावा अभिनीत 1934 की गुजराती फिल्म है। यह चतुर्भुज दोशी के एक लोकप्रिय नाटक पर आधारित है और इसी नाम की 1927 की मूक फिल्म का रीमेक है। फिल्म सेठ श्यामलदास के संयुक्त परिवार की कहानी से शुरू होती है, जिसके दो बेटे चंद्रकांत और विनू और एक बेटी कुसुम हैं। परिवार में सभी ख़ुशी से रहते हैं, मगर धीरे धीरे परिवार के सभी सदस्यों की एक निज़ी जिंदगी सामने आने लगती है।

और इस निज़ी जिंदगी में किये गए उनके गलत काम उनके आने वाले भविष्य को प्रभावित करने लगते हैं। श्यामलदास के बड़े बेटे चंद्रकांत की कर्तव्यपरायण पत्नी गुणसुंदरी हर स्थिति में रक्षक के रूप में प्रकट होती हैं और सभी की सहायता करती है।

MOvie Nurture: "ગુણસુંદરી
Image Source: Google

मगर एक दिन उसको पता चलता है कि उसका पति चंद्रकांत वेश्या बंसारी के चक्कर में फंस गया है और अपने पति को उस लालची औरत से छुड़वाने के लिए उसको गहने और पैसे देती है, मगर खुद ही फस जाती है और उसको घर से बाहर निकाल दिया जाता है। फिल्म के अंत में बेसहारा गुनसुंदरी सड़कों पर आ जाती है और वहीँ भटकते हुए उसको चंद्रकांत भी मिल जाता है।

फिल्म एक व्यावसायिक और आलोचनात्मक सफलता थी और इसे गुजराती सिनेमा में सामाजिक ड्रामा के शुरुआती उदाहरणों में से एक माना जाता है। पारिवारिक जीवन के यथार्थवादी चित्रण, प्राणसुख नायक द्वारा इसके मधुर संगीत और मुख्य अभिनेताओं द्वारा इसके प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए इसकी प्रशंसा की गई।

गनसुंदरी उन कुछ गुजराती फिल्मों में से एक थी जो 1930 के दशक में बनाई गई थी, जब इंडस्ट्री अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में थी। 1932 में रिलीज़ हुई पहली गुजराती फिल्म नरसिंह मेहता थी, जो इसी नाम के संत-कवि के जीवन पर आधारित थी। सती सावित्री, एक और जीवनी पर आधारित फिल्म, उसी वर्ष आई। गुनसुंदरी तीसरी गुजराती फिल्म थी और पहली ऐसी फिल्म थी जो एक नाटक पर आधारित थी।

Movie Nurture: "ગુણસુંદરી
Image Source: Google

फिल्म को गुजराती सिनेमा का एक क्लासिक माना जाता है और इसे विभिन्न भाषाओं में कई बार बनाया गया है। सबसे उल्लेखनीय रीमेक 1948 में आई थी, जिसका निर्देशन रतिलाल हेमचंद पुनतार ने किया था और इसमें निरूपा रॉय, मनहर देसाई और दुलारी ने अभिनय किया था। 1948 के संस्करण ने भी बॉक्स ऑफिस पर सफल प्रदर्शन किया और समीक्षकों और दर्शकों से समान रूप से सकारात्मक समीक्षा प्राप्त की।

गुणसुंदरी एक ऐसी फिल्म है जो गुजरात की समृद्ध संस्कृति और विरासत के साथ-साथ परिवार, वफादारी और बलिदान के मूल्यों को प्रदर्शित करती है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसका हर उम्र और पृष्ठभूमि के लोग आनंद उठा सकते हैं।

Tags: Family FilmGujaratiMovie Review
Sonaley Jain

Sonaley Jain

Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.

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