भारती ಭಾರತಿ (1948) आर एम वीरभद्रैया द्वारा निर्देशित एक कन्नड़ फिल्म है। यह फिल्म कई कलाकारों की पहली फिल्म थी जैसे टंगुटुरी सूर्यकुमारी, राजकुमारी, संपत, का अभिनय के क्षेत्र में पहला कदम था। और इसमें मुख्य भूमिका में एम. वी. कृष्णास्वामी नज़र आये हैं। एम. नरेंद्रबाबू द्वारा लिखी गयी फिल्म की कहानी और गीत बेहद खूबसूरत हैं।
यह फिल्म कन्नड़ सिनेमा के इतिहास में एक अग्रणी फिल्म के रूप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है जिसने बाधाओं को तोड़ा और कहानी कहने के लिए नए मानक स्थापित किए। यह फिल्म शक्तिशाली प्रदर्शनों के साथ सामाजिक टिप्पणियों को भी एक दूसरे से जोड़ती है, जिससे यह कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में एक टाइमलेस रत्न बन जाता है। यह ब्लैक एन्ड व्हाइट फिल्म दिसंबर 1948 को रिलीज़ हुयी थी।

स्टोरी लाइन
फिल्म की कहानी शुरू होती है भारती नामक एक युवती के साथ, जो शिक्षित और आधुनिक है, लेकिन भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी सम्मान करती है। उसे एक वकील रवि से प्यार हो जाता है, जो प्रगतिशील और देशभक्त भी है। हालाँकि, उनके रिश्ते को उनके परिवारों और समाज से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो रूढ़िवादी हैं। फिल्म में यह दिखाया गया है कि किस तरह से भारती और रवि इन बाधाओं को दूर करते हैं और अपने प्यार और आजादी के लिए लड़ते हैं।

प्रदर्शन:
भारती (1948) फिल्म में कलाकारों का ऐसा असाधारण प्रदर्शन देखने को मिलता है, जो पात्रों को गहराई और दृढ़ विश्वास के साथ जीवंत करती है। अभिनेत्री सूर्यकुमारी ने फिल्म में भारती का चित्रण असाधारण से कम नहीं है, जो उनकी ताकत और दृढ़ संकल्प के सार को दर्शाता है। उनका सूक्ष्म प्रदर्शन दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित होता है, उन्हें भारती की दुनिया में खींचता है और सहानुभूति और प्रशंसा की भावना को प्रज्वलित करता है।
फिल्म में संपत, एम वी कृष्णास्वामी, और माधव राव जैसे सहायक कलाकार शानदार प्रदर्शन देते हैं, कहानी में प्रामाणिकता और भावनात्मक गहराई को जोड़ते हैं। उनकी केमिस्ट्री और उनकी संबंधित भूमिकाओं के प्रति प्रतिबद्धता फिल्म के समग्र प्रभाव में योगदान करती है, जिससे एक मनोरम सिनेमाई अनुभव मिलता है।