Movie Review (Page 34)

फरार हिंदी  फिल्म भारतीय सिनेमा में 11 नवम्बर 1975 को रिलीज़ हुयी थी। इसका निर्देशन शंकर मुखर्जी ने किया था और इसके सुपरहिट होने के बाद इस फिल्म को मलयालम में प्रियदर्शन द्वारा परायुंमवाय परायथिरिक्कुमवय्या के रूप में रीमेक किया गया था। फिल्म एक क्राइम बेस्ड ड्रामा है और इसमेंContinue Reading

  कभी कभी कुछ फिल्मे ऐसी बनती हैं जो सिर्फ हमें हसाती  ही नहीं हैं, बल्कि हमारे दिलों में हमेशा के लिए जीवित हो जाती हैं। जब भी उस फिल्म का जिक्र करो तो पूरी कहानी सामने आ जाती है, वो भी एक मुस्कराहट के साथ।  चुपके चुपके, ऋषिकेश मुखर्जी द्वाराContinue Reading

  फिल्मे जो हमें हमेशा आनंद देती हैं पर कभी – कभी यह हमें एक ऐसी सीख और सन्देश भी दे जाती है जो हमारी सोच में बदलाव लाती है। आनंद एक ऐसी ही फिल्म है, जिसने हमें जिंदगी का मूल्य समझाया।  आनंद – 1971 में रिलीज़ हुयी, कई अवॉर्ड विनिंग फिल्मContinue Reading

जब जीवन हमें कुछ पहलुओं से रूबरू करवाती है तो बहुत सारे संघर्ष करने पड़ते हैं उनसे निकलने के लिए। मगर जब बात अपनों की आती है तो हम कुछ भी कर जाते हैं अपनों को सुरक्षित रखने के लिए। यही सब कुछ हिंदी सिनेमा की एक फिल्म “काला पानी “ मेंContinue Reading

हम सभी के जीवन में आदर्श और वेल्यूस होने चाहिए। जिंदगी सिर्फ जीने का नाम नहीं है यह एक अहसास है जिसे हम जीते हैं और दूसरों को इस अहसास से परिचित भी करवाते हैं और जिसके जीवन में यह सब ना हो तो उसका जीवन होता ही नहीं है वहContinue Reading

फिल्में जब बनती हैं तो एक सोच के साथ, मगर जब दर्शकों के बीच आती है तो एक मेसेज देकर जाती है।  कभी वह हमें नई सोच देता है तो कभी परिवार की अहमियत बताता है, कभी – कभी नए आइडियाज देता है तो कभी सच जानकर जिंदगी को सँभालनेContinue Reading

शक एक बहुत छोटा सा शब्द है मगर इसका प्रभाव जीवन पर इतना पड़ता है कि सब कुछ बर्बाद कर जाता है। कई रिश्तों में दरार ला जाता है यह एक शब्द। और जब शक बेबुनियाद हो तो यह जीवन को ऐसे भंवर में ले जाता है जहाँ से निकलनाContinue Reading

जीवन एक  ऐसी पहेली है जो किसी के लिए खुशियों की बहार लेकर आती है तो किसी पर यह समस्यायों का  पहाड़ बनकर टूटती है।ऐसी ही एक फिल्म दो बीघा ज़मीन जिसमे जीवन से घिरे एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसकी समस्याएं उसके परिवार की हर खुशियों को खत्म कर देतीContinue Reading

सदमा 1983 में रिलीज़ हुयी भारतीय सिनेमा की एक अद्भुद फिल्म थी। इस फिल्म ने सभी का ध्यान एक ऐसे पहलू पर केंद्रित किया, जिसकी जानकारी हमें होती हो है मगर हम उसको इतनी तवज्जो नहीं देते।          सदमा फिल्म का निर्देशन बालू महेंद्र ने किया था, जिन्होंनेContinue Reading

   फिल्मे जो हर तरह की होती हैं, कुछ हास्य भी होती हैं और हास्य होने के साथ – साथ  कुछ ऐसा भी  सीखा जाएं,जो सीख हमारे जीवन के साथ ही जुड़ जाए हमेशा के लिए। गोलमाल फिल्म, जो कुछ ऐसा ही बताती है।   गोलमाल फिल्म –  1971 में  रिलीज़ हुयी थी। यहContinue Reading