सोचिए वो ज़माना... जब फिल्मों में न तो हीरो की आवाज़ गूँजती थी, न हीरोइन के डायलॉग सुनाई देते थे,...
Read moreक्या आपको वो पुरानी कन्नड़ फिल्में याद हैं? जहां कहानी की गहराई होती थी, संगीत दिल को छू जाता था,...
Read moreये सवाल अक्सर दिमाग में आता है: "क्या साइलेंट फिल्मों के दौर में भी महिला अभिनेत्रियां या फिल्म निर्माता थीं?"...
Read moreक्या आपने कभी सोचा है कि एक चुप्पी, टूटी-फूटी टोपी पहने और बंदर जैसी चाल चलने वाला आदमी दुनिया का...
Read moreसाल 1975, दक्षिण कोरिया पर सैन्य शासन की लोहे की मुट्ठी कसी हुई है। हवा में डर का सन्नाटा, आँखों...
Read moreयाद है वो बचपन की दोपहर? पंखे की आवाज़, खिड़की से आती गर्म हवा, और टीवी पर चलती कोई ऐसी...
Read moreकिसी अभिनेता की महानता का पैमाना क्या है? क्या वो हिट फ़िल्में हैं, पुरस्कारों का ढेर, या फिर दर्शकों के...
Read moreकल्पना कीजिए एक घर जहाँ दीवारों पर पुराने चित्र लटके हैं, हवा में हल्की खुशबू है गुलाबजल की, और बैठक...
Read more1970 का दशक हो या आज का समय, राजेश खन्ना का नाम सुनते ही दिल में एक अजीब सी धड़कन...
Read moreएक सुबह, भुवनेश्वर के एक सिनेमा हॉल के बाहर कतार लगी थी। टिकट खिड़की पर युवाओं का हुजूम "सिनेमा हॉल...
Read more© 2020 Movie Nurture