हिंदी सिनेमा जगत के चार्ली चेपलिन माने जाने वाले और अपार प्रतिभा के धनी राज कपूर साहब ने अपने 41 वर्षों के करियर में अपने अभिनय से हिंदी सिनेमा को देश में ही नहीं, विदेशों में भी एक नयी पहचान दी है। सिर्फ 10 वर्ष की उम्र में अपने अभिनय से उन्होंने सभी का मन मोह लिया था।
राज कपूर को हिंदी सिनेमा जगत का शो मैन माना जाता है। राज कपूर का पूरा नाम रणबीर राज कपूर है और उनका जन्म 14 दिसंबर 1924 को हुआ था और उनको अपनी अदाकारी के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया। उन्होंने एक्टर, निर्देशक और प्रोडूसर बन कर बहुत ही शानदार और प्रेरणादायक फिल्में दी हैं।
Early Life – राज कपूर ब्रिटिश साम्राज्य के समय के प्रसिद्ध खत्री पंजाबी कपूर खानदान से तालुक्कात रखते थे। उनका जन्म 1924 में पेशावर में हुआ था। वह पिता पृथ्वीराज कपूर और माता रामसरनी सबसे बड़े पुत्र थे और दो भाई शम्मी और शशि कपूर और एक बहन उर्मिला के बड़े भाई भी थे।
1930 में पृथ्वीराज कपूर अपने पूरे परिवार के साथ पेशावर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे। 1935 में राज कपूर मात्र 10 वर्ष में इंकलाब फिल्म से सिनेमा जगत में आये थे। इस फिल्म में उनका रोल बहुत मगर उन्होंने अपनी अदाकारी से सभी के दिलों में एक जगह बनायीं।
Professional Life – 1947 में लीड रोल में उन्होंने मधुबाला के साथ “नील कमल” फिल्म की, जो सुपरहिट रही। इस फिल्म के जरिये राज कपूर ने अपने करियर की शुरुवात की। उसके बाद 1948 में मात्र 24 साल की उम्र में उन्होंने खुद का स्टूडियो R.K. Films की स्थापना की और बने सबसे कम उम्र के निर्देशक ” आग” फिल्म के साथ, जिसके कलाकार राज कपूर और नरगिस थे।
1949 में दिलीप कुमार और नरगिस के साथ इन्होने “अंदाज़” फिल्म की, एक्टर के तौर पर राज कपूर को सबसे बड़ी सफलता मिली इस फिल्म से। फिर सफलता का सिलसिला जारी रहा, एक के बाद एक राज कपूर सुपर हिट फिल्मे देते रहे , “आवारा “, “श्री 420 “, ” जागते रहो “, “जिस देश में गंगा बहती है ” आदि अन्य।
1964 में राज कपूर ने अपने प्रोडक्शन में बनी हुयी पहली कलर्ड फिल्म “संगम ” का निर्देशन किया, जो कि एक्टर के तौर पर आखिरी ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। राज कपूर और नरगिस की जोड़ी फ़िल्मी जोड़ियों में से सबसे पसंदीदा जोड़ी मानी जाती है आज भी।
1970 में राज कपूर की ड्रीम फिल्म “मेरा नाम जोकर ” आयी, जो बहुत बड़ी फ्लॉप फिल्म रही , इसके बाद राज कपूर ने कभी भी लीड रोल में अभिनय नहीं किया। 1971 में राज कपूर ने अपने बड़े बेटे रणधीर को लॉन्च किया ” कल आज और कल ” फिल्म के साथ और इसके बाद 1973 में एक और बेटे ऋषि कपूर को “बॉबी ” फिल्म से लॉन्च किया।
इसके बाद 1980 से राज कपूर ने सिर्फ प्रोडक्शन और निर्देशन पर ही फोकस किया। निर्देशक के तौर पर एक के बाद एक सुपर हिट फिल्में देते रहे, ” प्रेम रोग “, “सत्यम शिवम सुंदरम”. ” राम तेरी गंगा मैली “.
Family & Friends – राज कपूर जॉइन्ट परिवार में अपने दो भाइयों शम्मी और शशि कपूर के साथ रहते थे। उन्होंने 1946 में कृष्णा कपूर से विवाह किया और उनके परिवार में तीन बेटे और दो बेटियों के साथ -साथ 8 ग्रांड चिल्ड्रेन्स हैं।
Awards & Recognition– राज कपूर को अपने जीवन में बहुत सारे पुरुस्कारों से नवाज़ा गया है।2014 में google ने उनके 90th जन्मदिन पर उन्हें याद किया था।
Dadasaheb Phalke Award – भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरुस्कार राज कपूर को 1988 में एक नयी उचाईयों पर ले जाने के लिए मिला था।
Padma Bhushan – भारत का एक सम्मानीय अवॉर्ड, जो आपको आपके फील्ड में किये गए सम्मानीय कार्यों दिया जाता है और यह अवॉर्ड राज कपूर को 1971 में भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण पिलर बनाने के लिए दिया गया।
Filmfare Award – 11 बार राज कपूर को फिल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया,अपनी एक्टिंग और डायरेक्शन के लिए।
Stardust Award – 2001 में राज कपूर को Best Director of the Millennium का अवॉर्ड मिला।
Certificate of Merit – जिसको आज नेशनल फिल्म अवॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है। यह अवॉर्ड राज कपूर को दो बार मिला , 1958 में आयी “कारीगर ” और 1960 में आयी ” जिस देश में गंगा बहती है ” और “कानून ” के लिए।
Business – 1948 में आर के फिल्म्स के नाम से एक स्टूडियो बनाया जहाँ पर कई फिल्मों की शूटिंग हुआ करती है।
Film List – Inquilab (1935), Hamari Baat (1943), Gauri (1943), Valmiki (1946), Neel Kamal (1947), Jail Yatra (1947), Dil ki Rani ( 1947), Chittor Vijay (1947), Aag (1948), GopiNath (1948), Amar Prem (1948), Barsat (1949), Sunhare din (1949), Parivartan (1949), Mdari (1950), Sangram(1950), Banwra (1950), Awaara (1951), Anhonee (1952), Amber (1952), Ashiana (1952), Dhoon (1953), Boot Polish (1954), Sree420(1955), Jagte Raho (1956), Ab Dilli Dur Nahin (1957), Parvarish (1958), Anari (1959), Char Dil Char Rahen (1959), Jis Desh Men Ganga Behti Hai (1960), Vakil Babu (1982), Naukri (1978), Chandi Sona (1977), Kal Aaj Aur Kal (1971), Mera Naam Joker (1970),
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