इन्टॉलरेंस फिल्म प्यार और संघर्ष की ऐसी पूरे युग की कहानियां हैं, जो सिनेमा के इतिहास में एक ऐतिहासिक फिल्म बनी, जिसका निर्देशन डी.डब्ल्यू. ग्रिफिथ द्वारा किया गया है और यह 5 सितम्बर 1916 में रिलीज़ हुयी। इस फिल्म को साइलेंट युग की सबसे महान और प्रभावशाली फिल्मों में से एक माना जाता है।
197 मिनट्स की इस फिल्म को 4 कहानियों में विभाजित किया गया है और हर एक कहानी सदियों में दिखाई गयी है मगर इन सब में प्रेम और संघर्ष का रूप एक ही होता है।
![MOvie Nurture: Intolerance](https://movienurture.com/wp-content/uploads/2023/03/intolerance-2.jpg)
Story Line
इस फिल्म की कहानी 4 अलग – अलग भागों में विभाजित है और यह फिल्म करीबन 2500 वर्षों की समय सीमा को तय करती है। पहली कहानी एक अपराध का मेलोड्रामा, दूसरी एक यहूदी कहानी , तीसरी एक फ्रांसीसी कहानी और चौथी कहानी एक बेबीलोनियन कहानी: 539 ईसा पूर्व में फारस के लिए बेबीलोनियन साम्राज्य का पतन।
पहली कहानी शक्तिशाली और दमनकारी पुजारियों और उत्पीड़ित श्रमिक वर्ग के बीच संघर्ष को बताती है। कहानी इन्टॉलरेन्स और कमजोरों के खिलाफ शक्तिशाली के उत्पीड़न के परिणामों को चित्रित करती है। दूसरी कहानी यहूदिया के मसीहा के समय की है, और उस समय फैल रहे नए धार्मिक विचारों के प्रति इन्टॉलरेन्स की कहानी की बताती है। कहानी नए विचारों के प्रति धार्मिक रक्षकों की इन्टॉलरेन्स और इस असहिष्णुता के परिणामस्वरूप लोगों की पीड़ा को दर्शाती है।
![Movie Nurture: Intolerance](https://movienurture.com/wp-content/uploads/2023/03/Intolerance_FILM-STILLS-ARCHIVE1.jpg)
तीसरी कहानी सोलहवीं शताब्दी के फ्रांस देश की है।जहाँ पर अल्पसंख्यक के प्रोटेस्ट की कहानी है। जहां पर प्रोटेस्टेंट अल्पसंख्यकों के प्रति कैथोलिक को मानने वालों की हिंसा और इस संघर्ष के बीच में फंसे लोगों की पीड़ा को दर्शाती है, कि किस तरह वह इन सब को संघर्ष पूर्ण झेल रहे हैं। अंतिम कहानी आधुनिक अमेरिका की है, जहाँ पर मजदूर वर्ग के प्रति इन्टॉलरेन्स की एक पीड़ा दायक कहानी है। जहाँ पर अमीर वर्ग की इन्टॉलरेन्स के कारण किस तरह से श्रमिक वर्ग को पीड़ा सहन करनी पड़ती है, फिल्म में इसको बहुत ही बारीकी से चित्रित किया है।
फिल्म के सबसे उल्लेखनीय पहलुओं में से एक इसकी भव्य पैमाने और नवीन सिनेमाई तकनीक है। फिल्म अपने दायरे और महत्वाकांक्षा के बीच एक ऐसी समानता को उजागर करता है जो अधबुध है,और इसमें बड़े पैमाने पर सेट, एक्स्ट्रा की भारी भीड़ और महाकाव्य युद्ध के दृश्य शामिल हैं। ग्रिफ़िथ का कैमरा कोणों और तकनीकों का अभिनव उपयोग, जैसे कि विभिन्न कहानियों के बीच क्लोज़-अप और क्रॉस-कटिंग का उपयोग, उस समय अभूतपूर्व था।
फिल्म में सभी कलाकारों का प्रदर्शन उत्कृष्ट हैं, विशेष रूप से लिलियन गिश, जो बेबीलोनियन कहानी में शानदार प्रदर्शन करते हैं। फिल्म का संगीत स्कोर भी उल्लेखनीय है, जोसफ कार्ल ब्रिल द्वारा रचित आर्केस्ट्रा स्कोर के साथ फिल्म को एक अलग ही भावना से जोड़ता है।
![Movie Nurture: Intolerance](https://movienurture.com/wp-content/uploads/2023/03/Untitled-design-8.jpg)
हालांकि, फिल्म में कुछ खामियाँ भी दिखी हैं , कुछ आलोचकों ने ध्यान दिया है कि फिल्म में गैर-श्वेत पात्रों का चित्रण रूढ़िवादी और आक्रामक है। विशेष रूप से नकारात्मक रूढ़िवादिता को बनाए रखने के लिए फिल्म में अफ्रीकी-अमेरिकियों के चित्रण की आलोचना की गई है।
अंत में, “इन्टॉलरेन्स : प्यार का संघर्ष पूरे युग में” एक ज़बरदस्त फिल्म है जो सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई है। सिनेमा के इतिहास में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए फिल्म का भव्य पैमाना, नवीन तकनीक और शक्तिशाली संदेश इसे और प्रभावशाली बनाता है। हालांकि फिल्म में कई खामियां हैं, फिर भी यह फिल्म बेहद खूबसूरत है।
Lights, camera, words! We take you on a journey through the golden age of cinema with insightful reviews and witty commentary.